भारत का संविधान बहुत ही लचीला है. इसका अर्थ यह है कि जनता, समाज और देश के हित में कानून बनाने हेतु इसमें परिवर्तन किया जा सकता है. अर्थात यह संविधान गतिशील यानि Dynamic हैं.लोकतंत्र को भी यह संविधान गतिशीलता प्रदान करता है. इस गतिशीलता के कारण इसमें समय के साथ साथ मजबूती भी आयी है. लोकतान्त्रिक संस्थाओं में मजबूती और सुधार दशक दर दशक देखा गया है. लेकिन हाल के दशक में हमारा लोकतंत्र कमजोर और विकृत हुआ है. यह भी लोकतंत्र के जीवंत और गतिशील होने के कारण ही हुआ है. भारत के वर्तमान सत्ताधीश ने भी सत्ता तरीके से ही प्राप्त किया. लेकिन क्या आप जानते हैं उसने लोकतंत्र के साथ कैसा वर्ताव किया? सत्ताधीश के इस वर्ताव को मैंने Loktantra Ka Vikas Par Kavita के माध्यम से मैंने व्यक्त किया है.
नीचे Coloured Boxes में भारत के विकृत लोकतंत्र पर कविता के तीन अंश प्रस्तुत हैं
यदि आप काव्य टेक्स्ट को पढ़ना नहीं चाहते हैं तो आप इसकी वीडियो देख सकते हैं. कविता की वीडियो यूट्यूब पर उपलब्ध है.
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Loktantra Ke Vikas Par Kavita | लोकतंत्र के विकास पर कविता
भारत एक गतिशील लोकतंत्र वाला देश है. लोकतंत्र की गतिशीलता देश में शासन कर रहे राजनीतिक दलों की नीतियों से भी प्रभावित होती रही है. प्रगतिशील नीतियों ने लोकतंत्र को सकारात्मक गति प्रदान किया है. साथ ही शासन कर रहे दल की संकीर्ण नीतियों ने लोकतंत्र में विकार भी पैदा किया है.
बदनाम होता लोकतंत्र और Loktantra Ke Vikas Par Kavita 1/3
भारतीय लोकतंत्र का दिल बहुत बड़ा है. इसका लाभ उठाकर संकीर्ण विचार धारा के दल हाल के दशक में सत्ता पर काबिज हुए. सत्तासीन होने के बाद यह नकारात्मक विचारधारा लोकतंत्र के सीने में ही प्रहार करती हुयी प्रतीत होती है.
संस्थाओं का राजनीतीकरण और Loktantra Ke Vikas Par Kavita 2/3
हाल के वर्षों में गैर राजनीतिक संस्थाओं का राजनीतिकरण हो गया है. अर्थात इन संस्थाओं का दुरूपयोग सत्तासीन राजनीतिक दल अपने राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए कर रहा है.
सीमाएं लांघता लोकतंत्र पर एक काव्यांश 3/3
भारत का लोकतंत्र सैंद्धांतिक तौर पर एक आदर्श लोकतंत्र रहा है. वह दुनिया के अन्य देशों के लोकतंत्र का भी बहुत सम्मान करता रहा है. क्या आज का भारतीय लोकतंत्र अन्य देशों के लोकतंत्र का सम्मान करता है? भारतीय लोकतंत्र ने क्या अतीत में कभी किसी अन्य देश की लोकतान्त्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया है? उसने क्या कभी किसी देश की लोकतान्त्रिक व्यवस्था को प्रभावित करने की कोशिश किया है? जवाब है भारत ने कभी किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं किया है.
लेकिन हाल के वर्षों में हमारे लोकतंत्र का यह आदर्श कलंकित हुआ है. हमारे देश का शासनाध्यक्ष दूसरे देश की लोकतंत्रांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने की कोशिश किया है.
संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि हाल के वर्षों में भारत का लोकतंत्र कमजोर हुआ है. कमजोर होने से मेरा मतलब है भारत के लोकतान्त्रिक मूल्यों में गिरावट आयी है.
वास्तव में, भारत का लोकतंत्र अधिनायकवाद की ओर अग्रसर हुआ है. लोकतान्त्रिक स्वतंत्रताओं में गिरावट आयी है. ये स्वतंत्रताएं चाहे नागरिकों की हों या संस्थाओं की.
चुने हुए प्रतिनिधि और शासक लोकतंत्र से प्राप्त शक्तियों का दुरूपयोग कर रहे हैं. यह दुरूपयोग उनके घरेलू रोल और अन्य देशों के प्रति रोल दोनों में देखा जा सकता है.
इस अपडेट में प्रस्तुत कविता सम्पूर्ण कविता का पार्ट 1 है. कविता का पार्ट 2 निम्न शीर्षक के अंतर्गत उपलब्ध है.
क्या आपको पुरानी हिंदी फिल्मों के गीत पसंद हैं? यदि हाँ, तो आप इस पोस्ट में लिखी कविता को ठीक उसी तरह गा सकते हैं जैसे किशोर कुमार ने निम्नलिखित गीत एक्टर्स जीतेन्द्र और विनोद खन्ना के लिए फिल्म अनोखी अदा में गाया है.
हाल क्या है दिलों का न पूछो सनम
हाल क्या है दिलों का न पूछो सनम
आपका मुस्कुराना ग़ज़ब ढा गया
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