भारत का संविधान केंद्र और राज्य दोनों में संसदीय शासन व्यवस्था का प्रावधान करता है. जैसा कि आप जानते हैं भारत के संविधान में कहीं भी राम राज्य शब्द का उल्लेख नहीं है. तो फिर भारत में राम राज्य की स्थापना की बात कोई सरकार किस हैसियत से कर सकती है? देश और प्रदेशों में संविधान के अनुसार सरकार चलाने की बात करना एक संवैधानिक तथ्य है. लेकिन Ram Rajya की बात करना संविधानिक व्यवस्थाओं से कहीं मेल नहीं खाता है. फिर भी उप्र के मुख्यमंत्री एक ऐसी शासन व्यवस्था प्रदेश में स्थापित करने की बात करते रहे हैं.
इस अपडेट में एक ऐसे शासन में हो रही घटनाओं पर प्रस्तुत है एक कविता. कविता का टेक्स्ट रेक्टेंगुलर बॉक्स में लिखा हुआ है.
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Ram Rajya का क्या अर्थ है योगी आदित्यनाथ के लिए
26 अक्टूबर, 2019 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम राज्य के बारे में एक बात कहा. उन्होंने कहा केंद्र और उप्र में भाजपा सरकारें पांच वर्षों से राम राज्य की अवधारणा पर खरी उतरी हैं.
विधान विरोधी व्यवस्था
श्री आदित्यनाथ अयोध्या में भव्य ‘दीपोत्सव’ समारोह के अवसर पर बोल रहे थे. जैसा कि आप जानते हैं अयोध्या भगवान राम का जन्म स्थान है. “दीपोत्सव” पर बोलते हुए उन्होंने बताया कि उनकी सरकार जनता के हर वर्ग की सेवा कर रही है. आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारें कई कल्याणकारी योजनाएं जमीनी स्तर पर पहुंचा रही हैं. उन्होंने आगे कहा कि उनकी सरकार इन योजनाओं को जनता तक पहुंचाते समय किसी भी वर्ग के साथ भेदभाव नहीं कर रही है. प्रश्न उठता है कि सरकार की जनसेवा के आधार पर आधार पर राम राज्य क्या है?
उन्होंने कहा, “यह एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें क्षेत्र, धर्म, जाति या पंथ के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है. किसी भी प्रकार की पीड़ा का कोई स्थान नहीं है.”
हम राम राज्य की अवधारणा के अनुसार गरीबों, किसानों और युवाओं, हर वर्ग, तक सरकारी योजनाएं पहुंचा रहे हैं. यह भी कहा आदित्यनाथ ने.
आदित्यनाथ कहते हैं कि उनकी सरकार बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक वर्ग का कल्याण कर रही है. इसके विपरीत विधायक सुरेंद्र सिंह लड़कियों के साथ भेदभाव करते हैं. विधायक का कहना है कि लड़कियों को स्वयं में सांस्कृतिक मूल्य आत्मसात करना चाहिए. दूसरे शब्दों में, श्री सिंह कहते हैं कि माता-पिता को अपनी बेटियों में अच्छे संस्कार पैदा करने चाहिए. अन्यथा लड़के उनका बलात्कार करेंगे.
निर्दोष को सजा मिलती है जबकि अपराधी छूट जाता है
हाथरस गैंगरेप कांड उत्तर प्रदेश के राम राज्य में हुआ एक बहुत ही जघन्य अपराध था. आधुनिक राम राज्य में निर्दोष को अपराध करने की सजा मिल जाती. इसके विपरीत अपराधी दोषमुक्त हो जाता है.
इसी तथ्य को मैंने एक कविता के माध्यम से व्यक्त किया है.
कविता का पाठ इस प्रकार है.
वर्तमान में राजनीति में अपराधीकरण की बाढ़ आ गयी है. ऐसा प्रतीत होता है न्यायपालिका को भी निर्भय और स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अनुमति नहीं है.
अपराधी निर्दोष साबित होकर अपराध के आरोप से मुक्त हो जाता है. और जिसका अपराध से कुछ भी लेना देना न हो वह अपराध के आरोप में जेल की सजा पाता है.
इस कविता की अंतिम पंक्तियाँ इस प्रकार हैं.
How The Public Issues Do Not Matter To Government
प्रस्तुत है तथ्य पर आधारित हिंदी में बहुत ही मजेदार कविता (One of the very funny poems in Hindi). इसमें मनोरंजन के अलावा देश की सुरक्षा और सामाजिक समस्या जुड़े मामले का उल्लेख है. आप इसे political poetry in Hindi या political shayari Hindi) भी कह सकते हैं.
कविता का Text निम्नवत है.
यह वीडियो पिछ्ली वीडियो का पार्ट 2 है. कहानी एक कविता में है. पूरी कहानी समझने के लिए पूरी वीडियो देखें और अपना कमेंट जरूर लिखें.
देश के किसान खाद्यान्न उत्पादन के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. लेकिन उनके योगदान के लिए उन्हें उचित रिवॉर्ड नहीं मिलता है. उनके परिश्रम का पुरष्कार किसी और को मिलता है.