सांसद के नफरती भाषण पर कविता

सांसद के नफरती भाषण पर कविता

संसद में कानून निर्माण प्रक्रिया में सक्रिय भागदारी एक सांसद का मुख्य काम होता है. सांसद के रूप में अपनी इस भागीदारी को शुरू करने के पहले वह संविधान को मानने और उसका सम्मान करने की शपथ लेता है. लेकिन हाल ही में दिल्ली के एक MP ने अपनी शपथ का ही अपमान कर दिया. दूसरे शब्दों में उसने संविधान का आप अपमान किया. अर्थात उसने संविधान विरोधी कार्य किया. उसने एक समुदाय विशेष के विरुद्ध एक दूसरे समुदाय विशेष को सार्वजानिक मंच से भड़काया. सांसद के नफरती भाषण पर कविता का पहला छंद निम्नवत है.

केवल कविता पढ़ने के लिए नीचे ग्रीन कलर में लिखा टेक्स्ट पढ़ें.

यदि आप कविता की वीडियो देखना चाहते हैं तो यह यूट्यूब पर उपलब्ध है.

राजधानी शहर दिल्ली में एक ऐसा MP है
जन से नफरत भरा वादा करवाता है
जन से नफरत भरा वादा करवाता है   

माननीय  कहलाता करम से निंदनीय है
जन को अपराध करने को उकसाता है
जन को अपराध करने को उकसाता है
राजधानी शहर दिल्ली में एक ऐसा MP है

सांसद ने भाषण में नफरत फैलाने का वचन लिया जनता से

क्या वादा करवाता है MP एक समुदाय के लोगों से दूसरे समुदाय के विरुद्ध?

एक कार्यक्रम में भाषण देते हुए दिल्ली के MP ने सभा में उपस्थित जनसमूह से प्रतिज्ञा करवाया कि वे एक समुदाय विशेष के लोगों का बहिष्कार सम्पूर्ण बहिष्कार करेंगे. सांसद के नफरती भाषण पर कविता का अगला छंद निम्नवत है.

हम इनका सम्पूर्ण बहिस्कार करेंगे
दूकान रेहड़ी से इनके न खरीद करेंगे
दूकान रेहड़ी से इनके न खरीद करेंगे

एक समुदाय के विरुद्ध वो जहर उगलता है
MP संविधान की धज्जियाँ उडाता है
MP संविधान की धज्जियाँ उडाता है
राजधानी शहर दिल्ली में एक ऐसा MP है

सांसद के नफरती भाषण पर कविता का तृतीय छन्द

दिल्ली के MP ने समुदाय विशेष के लोगों के लिए आर्थिक मुशीबत पैदा करने के लिए जनता को उकसाया. निम्न काव्यांश यह व्यक्त करता है कि सांसद का नफरत भरा आह्वान एक समुदाय के लोगों के सामने आर्थिक तंगी पैदा कर उन्हें परेशान करने के लिए था.

MP जनता को समुदाय विशेष के विरुद्ध भड़काते हुए आगे कहता है.

इनको कोई मजदूरी का काम नहीं देंगे
इनकी तबियत दिमाग को हम ठीक करेंगे
इनकी तबियत दिमाग को हम ठीक करेंगे

यही है इनका इलाज सबको बतलाता है
एक समुदाय के विरुद्ध जन को भड़काता है
एक समुदाय के विरुद्ध जन को भड़काता है
राजधानी शहर दिल्ली में एक ऐसा MP है

मोहन भागवत का साम्प्रदायिक सद्भाव का दिखावा और सांसद का नफरत भरा भाषण

एक ओर मोहन भागवत मुस्लिम समुदाय के बुद्धिजीवियों से मिलते हैं. उनसे मिलकर हिन्दू और मुसलमान के बीच सम्माजिक सद्भाव पैदा करने की दिशा में पहल करते हैं. और दूसरी ओर दिल्ली का MP मुसलामानों का बहिष्कार करने का जहर उगलता है.

सद्भाव का भ्रम फैलाकर और नफरत के लिए जनता को उकसाकर दो समुदायों का वोट अपनी राजनीतिक पार्टी के पक्ष में करने का प्रयास ये दोनों करते हैं. अगला काव्यांश उनके इसी प्रयास पर आधारित है.

फरमाएं गौर मोहन भागवत की पहल पर
वो मिलते हैं मुस्लिम ज्ञानियों से उनके घर पर
वो मिलते हैं मुस्लिम ज्ञानियों से उनके घर पर

मजहबी दूरियां समाप्त करने को लेकर
करते हैं प्रयास वो कदम आगे बढ़ाकर
करते हैं प्रयास वो कदम आगे बढ़ाकर

MP दिल्ली का अचानक प्रकट होता है
नफरत की फसल को वो खाद पानी देता है
नफरत की फसल को वो खाद पानी देता है
राजधानी शहर दिल्ली में एक ऐसा MP है

जोड़ और तोड़ के हथियार से वोट हासिल करने का प्रयास

वोट के लिए खेल की अगली पंक्तियाँ.

जनता समझ रही हाथी दांत दो तरह के हैं
एक दिखाने के लिए एक खाने लिए है
एक दिखाने के लिए एक खाने लिए है

MP और भागवत का एक ही लक्ष्य है
दो समुदायों का वोट हासिल उन्हें करना है
दो समुदायों का वोट हासिल उन्हें करना है

कुल मिलाकर ये दोनों खेल खेल रहे हैं
वरना MP को कानूनन सजा बनता है
वरना MP को कानूनन सजा बनता है
राजधानी शहर दिल्ली में एक ऐसा MP है
जन से नफरत भरा वादा करवाता है

नफरती भाषण की प्रेरणा सांसद को कहाँ से मिलती है?

नफरत फैलाने और संविधान विरोधी कार्य करने की प्रेरणा एक सांसद को कहाँ से मिलती है. इस बात को जानिये कविता की अगली पंक्तियों में.

रैलियों में जब भाषण ऐसा होता है
आदमी कपड़ों से पहिचाना जाता है
आदमी कपड़ों से पहिचाना जाता है

तब PM से प्रेरणा एक MP पाता है
जन को उकसाता है कानून हाथ लेता है
जन को उकसाता है कानून हाथ लेता है

कोई डर नहीं ऊपर से संरक्षण पाता है
मन वाणी करम से हिंसक वो हो जाता है
मन वाणी करम से हिंसक वो हो जाता है
राजधानी शहर दिल्ली में एक ऐसा MP है
जन से नफरत भरा वादा करवाता है

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