Is Sonia Gandhi Doing A Congress Politics On Migrant Workers?

Congress Politics On Migrant Workers

पिछले अपडेट में मैंने लिखा था कि कांग्रेस पार्टी ने उन प्रवासी श्रमिकों के ट्रेन किराए का भुगतान करने की पेशकश की जो ट्रेन में अपनी सीट बुक कराने में असमर्थ थे क्योंकि उनके पास टिकट खरीदने के लिए पैसे नहीं थे. साथ ही, मैंने कुछ बिंदु प्रस्तुत किए थे जिनके आधार पर आप के मन में यह प्रश्न उठ सकता है कि क्या पार्टी की पेशकश प्रवासी श्रमिकों पर कांग्रेस की राजनीति थी? Was this offer a Congress politics on migrant workers?

यह अपडेट पिछले पोस्ट को जारी रखने के क्रम में हुए लिखा गया है. इस अपडेट में प्रस्तुत तथ्यों के आधार पर आप यह जांच कर सकते हैं कि क्या प्रवासियों का रेल किराया वहन करने की भारत की सबसे पुरानी पार्टी की पेशकश वास्तव में प्रवासी श्रमिकों पर कांग्रेस की राजनीति थी.

Congress Offered To Bear The Train Fare Of Migrants. Was It A Congress politics on migrant workers?

Is Sonia Gandhi Indulging In A Politics On Migrant Workers?

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने देश के बड़े उद्योगपतियों का 68000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज माफ कर दिया. जिन बकाएदारों का कर्ज सरकार ने माफ किया उनमें “हमारे मेहुल भाई” और नीरव मोदी प्रमुख हैं. फिलहाल ये कारोबारी देश से बाहर चले गए हैं. ये दोनों विदेश में रह रहे हैं.

यहां उल्लेख करने वाली बात यह है कि वर्तमान सरकार कारोबारी डिफॉल्टरों के 68000 करोड़ रुपये से अधिक के बड़े बड़े ऋण माफ कर सकती है लेकिन प्रवासी श्रमिकों से टिकट की कीमत वसूल किए बिना उनके लिए अपनी खुद की यानि सरकारी ट्रेन नहीं चला सकती है. अगर सरकार प्रवासियों के लिए मुफ्त ट्रेन चलाती, तो इसकी कीमत लगभग 1,00,000 प्रवासियों को उनके गांवों तक पहुंचाने के लिए 100 करोड़ रूपये बैठती. यह 68000 करोड़ रुपये, जो सरकार ने बड़े बड़े धनाढ्यों के माफ़ कर दिए, से बहुत छोटी राशि है.

Rs 100 Crores Could Buy Tickets For Migrants

सरकार 50 बैंक डिफॉल्टरों के 68000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि Write Off कर सकती है. लेकिन प्रवासी श्रमिकों पर उस राशि का 0.15 प्रतिशत से कम खर्च करना उनके लिए संभव नहीं था. श्रमिकों को उनके गाँव तक पहुँचाने के लिए सरकार को जो 100 करोड़ रुपये खर्च करने की आवश्यकता थी वह 68000 करोड़ रुपये से कम है.

Is Congress’ Offer To Bear The Cost Of Train Tickets A Congress Politics On Migrant Workers?

Since, the migrants couldn’t afford to board the trains, they walked to their villages, hundreds of kilometres to more than one thousand kilometres away from the cities they were living in. प्रवासी विभिन्न शहरों से अपने गांवों की ओर पैदल चल पड़े. प्रवासियों के इस कदम से देश के शहरों, कस्बों में और सड़कों पर अफरा तफरी मच गयी. और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन निष्प्रभावी हो गया. सरकार ने प्रवासियों को उनके गांवों तक पहुंचाने की अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई. इसलिए प्रवासी श्रमिकों के ट्रेन टिकट के भुगतान की कांग्रेस की पहल एक सही कदम है.

सरकार पैसा खर्च कर रही Non Essentials पर और आरोप लगा रही है Congress’ politics on migrant workers का

पूरा देश कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहा है. नागरिकों की जिंदगी की सुरक्षा की मूलभूत आवश्यकता की अवहेलना करते हुए सरकार 20,000 करोड़ रुपये की सेंट्रल विस्टा लागत से सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर जोर शोर से निर्माण कार्य चला रही है. प्रवासियों को उनके गांवों को ट्रेन से पहुंचाने के लिए सरकार के पास 100 करोड़ रुपए नहीं हैं. उन्हें उनके गांवों को पहुंचाना एक अति आवश्यक काम था जो सरकार ने नहीं किया. जब सरकार 100 करोड़ रुपये प्रवासियों को उनके गांवों तक पहुंचाने पर खर्च नहीं कर सकती थी, तो वह सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए 20,000 करोड़ रुपये कैसे वहन कर रही है? गरीब प्रवासियों के पास अपने भोजन पर खर्च करने के लिए पैसे नहीं हैं. यहाँ तक कि गांव लौट रहे गरीब प्रवासी रास्ते कूड़े के ढेर में पड़े सड़े केले खाते हुए नजर आये.

Mr. Narendra Modi Ignores The Most Basic Needs Of Poor Migrants

फकीर प्रधान सेवक गरीबों की सबसे बुनियादी जरूरतों की अनदेखी करता है. साथ ही अपनी पसंद का एक नया संसद भवन बनाना जारी रखता है. फ़क़ीर के नेतृत्व वाली सरकार को शायद लगता है कि जिस क्षेत्र में वीआईपी रहते हैं, उसे सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के जरिए सुंदर बनाने की जरूरत है. भारत के सम्मानित नागरिकों, आपको समझ जाना चाहिए कि आप इस प्रधान सेवक के लिए केवल एक मतदाता हैं. उसके लिए आप किसी सम्मान के पात्र नहीं हैं. चूंकि इस फ़क़ीर की सरकार गैर जरूरी काम पर पैसा खर्च कर रही है, तो किसी को जरूरी काम, पर पैसा खर्च, तो करने ही होंगे. इसलिए, कांग्रेस ने प्रवासियों की रेल यात्रा लागत वहन करने की पेशकश करके वह किया जो उसे करना चाहिए था.

मोदी जी का विदेशों में फंसे धनी भारतीयों से बहुत प्यार और स्नेह है. और यही कारण है कि वह उन्हें विशेष हवाई जहाज से मुफ्त में भारत वापस लाते हैं. हेलो मिस्टर फकीर सर, इन अमीरों के पास इतना पैसा है कि वे अपना पैसा खर्च करके महीनों विदेश में रह सकते हैं. लेकिन आपको उनसे इतना प्यार है कि आप उन्हें अकेला नहीं छोड़ सकते. इसलिए तो आप उन्हें विशेष हवाई जहाज से भारत लाए.

क्या आप जानते हैं, श्रीमान मोदी जी कि देश की जनता अब समझ गयी है कि कब आप उसके प्रति अपना नकली अपना प्यार दिखाते हैं? उसे अपना स्नेह वहां देते हैं जहाँ आप मदारी का खेल दिखाते हैं. जब आप रैलियों में मदारी के रूप में प्रदर्शन करते हैं तो खेल देखने वाले यही गरीब और आम लोग होते हैं. वहां विशेषाधिकार प्राप्त कितने अमीर लोग होते हैं जिनपर आप अपनी भाषण कला की बारिश करते हैं? क्या वो अमीर लोग हैं जो आपकी रैलियों में हाथ और आपकी पार्टी का झंडा लहराकर आपका अभिवादन करते हैं? सत्ता तक पहुंचने के लिए उनके वोटों का क्या मूल्य है? आप प्रवासी गरीबों की जरूरतों के प्रति असंवेदनशील हैं. इसलिए कांग्रेस ने प्रवासियों के लिए ट्रेन टिकट का खर्च वहन करने की पेशकश कर सहानुभूति दिखाई.

मैं इस कहानी को अगले अपडेट में जारी रखूंगा.

यह पोस्ट मूलतः मैंने 18 मई, 2020 को पब्लिश किया था. इसे मैं आज दिनांक 10 सितम्बर को इंग्लिश में पुनः पब्लिश कर रहा हूँ.



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