Farm Laws Repeal Bill

Farm Laws Repeal Bill | मोदी जी का ऐतिहासिक बड़प्पन

Farm Laws Repeal Bill यानि कृषि कानून वापसी विधेयक संसद द्वारा पास हो गया. संसद के दोनों सदनों, लोक सभा और राज्य सभा, ने इसे पास कर दिया. विधेयक बिना चर्चा के ही पास हुआ. Winter Session के पहले ही दिन 29 नवम्वर को यह बिल पास हुआ. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद सरकार द्वारा तीनों कृषि कानून वापस ले लिए जाएंगे.

आप ऐसा मान सकते हैं कि राष्ट्रपति का Signature हो ही गया. अर्थात सरकार द्वारा तीनों कानून वापस ले लिए गए. साल भर पहले ये कृषि कानून सदन में बिना चर्चा के ही पास किये गए थे. कृषि मंत्री ने कहा कानून वापस लेकर प्रधान मंत्री ने ऐतिहासिक बड़प्पन का परिचय दिया है.

दोस्तों, कानून वापस लेना मोदी जी का ऐतिहासिक बड़प्पन है, तो कानून बनाना भी उनका ऐतिहासिक बड़प्पन था या कुछ और था? क्या नए भारत का नया लोकतंत्र कानून बनाने और वापस हेतु संसद में चर्चा की अनुमति देता है? अगर अनुमति देता है तो चर्चा क्यों नहीं हुयी?

आप को मालूम है देश के किसान तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे. एक साल से ज्यादे समय से सरकार द्वारा बनाये गए कानूनों को रद्द करानेहेतु वे आंदोलित थे.

कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने 2021 के रिपब्लिक डे पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड भी किया था.

वोट की राजनीति ने सरकार को कृषि कानून वापस लेने को मजबूर किया

किसान विरोध को असफल बनाने में सरकार अंत तक विफल रही. ऐसे हाल में 2022 के विधान सभा चुनाव में बीजेपी को किसानों का समर्थन मिलना असंभव था. इसलिए सरकार ने किसानों का वोट अपने पक्ष में करने के लिए इस कानूनों को वापस ले लिया. सरकार के इस निर्णय से किसानों से सहानुभूति रखने वाले मतदाताओं का वोट भी बीजेपी के पक्ष में झुका होगा.

विपक्ष कृषि कानून रिपील बिल पर लोकसभा और राज्यसभा में बहस करना चाहता था. लेकिन बहस में सरकार विपक्ष के सामने निरुत्तर हो जाती. और इसी बदनामी से बचने के लिए बिल को बिना बहस के ही पास करवा दिया.

Farm Laws Repeal करने की घोषणा किया मोदी जी ने

इसके पहले 19 नवंबर, 2021 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को सम्बोधित किया था. सम्बोधन में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा किया था.

मोदी जी ने कृषि कानून लिया वापस | सबका साथ विरोधाभास का विकास

बीजेपी ने क़ानून वापसी को मोदी जी का ऐतिहासिक कदम बताया था.

दोस्तों, पहले कृषि क़ानून बनाने को बीजेपी ने बताया था मोदी जी का ऐतिहासिक कदम. और अब क़ानून वापसी मोदी जी का ऐतिहासिक कदम हो गया.

इसको कहते हैं सबका साथ विरोधाभास का विकास. कानून बनाना और उन्हीं कानूनों को वापस लेना कैसे दोनों ऐतिहासिक निर्णय हो सकते हैं?

अब सवाल उठता है कि सरकार ने Farm Laws Repeal Bill को पास करवाकर क्या हासिल किया?

Farm Laws Repeal Bill लोकसभा और राजयसभा में बिना बहस के पास हुआ
Farm Laws Repeal Bill लोकसभा और राजयसभा में बिना बहस के पास हुआ

इसका जवाब है मोदी जी को सबका साथ हर हाल में चाहिए. अपने वोट के विकास के लिए भी. इस उद्देश्य को आज तक उन्होंने अपने भाषण का विकास करके ही पाया है. कानून वापसी की घोषणा आगामी विधान सभा चुनावों में वोट बटोरने के लिए ही मोदी जी ने किया.

दोस्तों, बताइये क्या अब भी मोदी जी के वोट के विकास के किये उन्हें सबका साथ मिलेगा? क्या उनके भाषण का विकास करने में आप अब भी श्रोता बने रहेंगे?

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