Kanker Bhashan 15 लाख वाला

Kanker Bhashan 15 Lakh वाला | काला धन वापस आएगा

नरेंद्र मोदी का Kanker Bhashan 15 Lakh रुपये वाला अक्सर चर्चा में रहता है. अपने इस भाषण में मोदी ने कहा था कि विदेशों में भारत के लोगों का जो काला धन जमा है, यदि उसे वापस लाया जाय तो हर गरीब को 15 – 20 लाख रुपये यूँ ही मिल जायेंगे. बात लगभग 10 साल पुरानी है.

Chhattisgarh Legislative Assembly elections were held in two phases on November, 11 and 19, 2013.

वैसे तो मोदी जी छत्तीसगढ़ राज्य विधान सभा के चुनाव के लिए बीजेपी का प्रचार कर रहे थे जब उन्होंने काले धन और 15 लाख हर गरीब को देने की बात कहा.लेकिन साथ ही वह कुछ ही महीने बाद अप्रैल और मई, 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव का भी प्रचार कर रहे थे. वह प्रधान मंत्री पद के घोषित उम्मीदवार थे.

इस पोस्ट को मूलतः मैंने 28 फ़रवरी, 2019 को लिखा था. इसे आज दिनांक 17 April, 202 को Edit करके पुनः पब्लिश कर रहा हूँ.

13 सेप्टेम्बर, 2013 को बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को 2014 लोकसभा चुनाव के लिए पी एम पद का उम्मीदवार घोषित किया था. इस घोषणा के बाद मोदी ने पार्टी से वादा किया था कि वे अथक प्रचार करके बीजेपी को 2014 लोकसभा चुनाव में जीत दिलाएंगे.

इसके पहले मार्च, 2013 में नरेंद्र मोदी बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड में शामिल हो गए थे. जून 2013 में वे चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष भी चुन लिए गए थे.

जनता ने मोदी द्वारा किये गए वादों में विश्वास व्यक्त किया

अप्रैल और मई, 2014 में संपन्न हुए लोक सभा के चुनाव के लिए मोदी ने  भारतीय जनता पार्टी और सहयोगी दलों के लिए लगभग 1 साल का देश व्यापी चुनाव प्रचार किया. इसी बीच नवम्बर एवं दिसम्बर, 2013 में छत्तीसगढ़, राजस्थान एवं मध्य प्रदेश विधान सभाओं के चुनाव हुए. चुनाव के बाद इन तीनों राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी. इन राज्यों में बीजेपी की जीत का श्रेय मोदी को दिया गया था. और यह कहा गया था कि ये चुनाव लोकसभा चुनाव के सेमी फाइनल्स हैं और मोदी ने सेमी फाइनल जीत लिया है.

बाद में अप्रैल एवं  मई, 2014 में लोक सभा के चुनाव हुए और मोदी के नेतृत्व में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला.  इस तरह से मोदी जी ने सेमी फाइनल के बाद फाइनल भी जीत लिया. अब मोदी देश के प्रधान मंत्री बन गए.

2019 में मोदी शासन का 5 वर्ष पूरा हुआ. अब जनता को विचार मंथन करने का समय था. मंथन इस बात का कि मोदी जी ने 2013 – 14 में किये गए वादे पूरा किया या नहीं. 2019 में हुए लोक सभा चुनाव में मतदान इसी आधार पर होना था. लेकिन क्या ऐसा हुआ? जवाब है – नहीं. जनता ने मोदी जी के वादों भरे भाषण का आनंद उठाया था. आमजन खुद गंभीर नहीं था यह देखने के लिए कि मोदी जी अपने वादे पर खरे उतरें.

मोदी जी ने मतदाताओं के साथ विश्वासघात किया

नवंबर  एवं  दिसंबर, 2018 में संपन्न हुए 5 राज्यों के विधान सभा चुनाव बीजेपी हार गयी. क्या हम यह निष्कर्ष निकालें कि मोदी के नेतृत्व में बीजेपी 2019 लोकसभा का सेमी फाइनल हार गयी थी? क्या 2013 में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान विधान सभा चुनावों की जीत मोदी के करिश्में की जीत थी? यदि हाँ, तो 2018 में तो इन्हीं  राज्यों के विधान सभा  चुनावों में BJP की हार मोदी की हार क्यों नहीं? हम यह क्यों नहीं कह सकते कि मोदी का तथा कथित करिश्मा खत्म हो गया और  वह 2019 लोकसभा का सेमी फाइनल हार गए?

लेकिन राजनितिक लड़ाई में शायद फाइनल जीतने के लिए सेमि फाइनल जीतना आवश्यक नहीं होता है. इसलिए 2018 का सेमि फाइनल हारकर भी बीजेपी 2019 का फाइनल जीत गयी. मोदी जी दूसरी बार प्रधान मंत्री बने.

इस बार भी जनता ने मोदी जी में विश्वास व्यक्त किया. क्योंकि जनता शायद हर बार मोदी जी के भाषणों से अपना भरपूर मनोरंजन करती है. मोदी जी भले ही जनता के विश्वास की अवहेलना करें.

मोदी जी का प्रमुख और यादगार Kanker Bhashan 15 Lakh रुपये के वादे वाला

नरेंद्र मोदी नवंबर एवं दिसंबर, 2013 के चुनावों के पहले से ही देश व्यापी लोकसभा चुनाव के  प्रचार में व्यस्त थे. लोक सभा के ये चुनाव अप्रैल एवं मई, 2014 में संपन्न हुए थे. इसी बीच वह 7 नवंबर, 2013 को छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले के कांकेर में राज्य विधान सभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी का प्रचार करने गए.

अपने भाषण में उन्होंने क्या कहा और जनता से क्या वादे किये, इसका उल्लेख मैं नीचे के पैराग्राफों में करने जा रहा हूँ. उसी आधार पर हम उनके भाषण की समीक्षा करेंगे. हम देखेंगे कि उनके वादे खोखले थे या ईमानदारी से किये गए थे. और उन वादों पर विश्वास करके एवं बीजेपी को वोट देकर जनता ने क्या गलती की थी या बीजेपी को वोट देना सही था.

काश! कोई कवि मोदी जी के वादों पर कविता लिखता तो भारत की हिंदी भाषा प्रेमी जनता उस कविता  को उतने ही चाव से सुनती जितने चाव से वह मोदी जी का  भाषण सुनती है.

प्रश्न जो जनता से मोदी ने पूछा Kanker Bhashan में

इस अपडेट में मैं केवल काला धन से सम्बंधित प्रश्नों का उल्लेख कर रहा हूँ. अन्य प्रश्नों के बारे में मैं एक समीक्षा मोदी जी के कांकेर में दिए 7 नवंबर, 2013 के भाषण की शीघ्र ही अगले अपडेट में लिखूंगा.

जैसा की आप जानते हैं मोदी जी श्रोताओं एवं दर्शकों से सीधे संवाद के लिए जाने जाते हैं. मोदी जी भाषण देते समय जनता से प्रश्न पूछते हैं. जनता से हाथ उठवाते हैं और हाँ एवं ना कहलवाते हैं. इसी को लोग कहते हैं कि वह सीधा संवाद करते हैं.

सीधा संवाद करते हुए मोदी जी ने कांकेर की जनता से कहा “सारी दुनिया कहती है कि हिंदुस्तान के जितने चोर लुटेरे हैं वो अपने पैसे विदेशी बैंकों में जमा करवाते हैं. काला धन विदेशी बैंकों में जमा होता है. मेरे कांकेर के भाइयों बहनों मुझे बताइए कि…” 
और आगे उन्होंने सभा में जनता से ये सवाल पूछे

  1. ये हमारी चोरी किया हुआ पैसा वापस आना  चाहिए कि नहीं चाहिए?
  2. ये काला धन वापस आना चाहिए?
  3. ये चोर लुटेरों से एक एक रूपया वापस लेना चाहिए?
  4. इस रुपयों पर जनता का अधिकार है कि नहीं है?
  5. ये रूपया जनता के काम आना चाहिए?

कुछ और प्रश्न कांकेर की जनता से

ऊपर लिखे हुए प्रश्न मोदी जी के शब्दों में ही  में हैं. उन्हीं के शब्दों में निम्नलिखित पैराग्राफ को भी पढ़ें.

“अरे एक बार ये चोर लुटेरों के पैसे जो विदेशी बैंकों में जमा हैं न, वे भी रुपये हम लाये न, तो भी हिंदुस्तान के एक एक गरीब आदमी को मुफत में 15-20 लाख रुपये यूँ ही मिल जायेंगे. ये हमारे  एम् पी साहब कह रहे थे रेलवे लाइन. ये काला धन वापस आ जाये जहाँ चाहो रेलवे लाइन. ये लूट चलायी है और बेशरम होके कहते हैं. सरकार आप चलते हो और पूछते मोदी को हो? जिस दिन भारतीय जनता पार्टी को मौका मिलेगा एक एक पाई हिंदुस्तान की वापस लाई जाएगी. ये जनता के पैसे हैं. गरीब के पैसे हैं. हमारा किसान खेत में मजदूरी करता है. उससे निकला हुआ धन है. उस धन पर हिंदुस्तान का अधिकार है. और उसको ये धन मिलना चाहिए. ये हम संकल्प करते हैं.”

यूँ तो मोदी जी मुख्य मत्री रमन सिंह जी के लिए छत्तीसगढ़ में प्रचार करते हुए ये बातें कही थी. नवंबर 2013 में छत्तीसगढ़ विधान सभा के चुनाव के समय रमन सिंह बीजेपी के मुख्य मंत्री पद के घोषित कैंडिडेट थे. आपको ये भी मालूम होगा की 2014 में लोक सभा के चुनाव हुए थे और मोदी जी प्रधान मंत्री पद के उम्मीदवार थे. इसलिए मोदी जी के वादे छत्तीसगढ़ की जनता के साथ साथ पूरे देश के मतदाताओं के लिए थे. उन्होंने जनता से प्रश्न पूछकर उसे आश्वस्त किया था कि अगर रमन सिंह और वे खुद जीते तो उन प्रश्नों को हल करने की जिम्मेदारी उनकी है. और वे उन प्रश्नों को 5 साल में हल करेंगे.

क्या चल रहा था मोदी जी के दिमांग में?

एक तरफ तो मोदी जी आपसे वादा कर रहे थे कि विदेश दे काला धन लाकर हर गरीब के बैंक खाते में 15 – 15 लाख रूपया जमा कर देंगे और दूसरी और उनके दिमांग में कुछ और ही चल रहा था.  वो यह चल रहा था कि जनता है, सब कुछ समय के साथ भूल जाती है. वादे करके वोट ले लेते हैं.   बाद में जनता को याद भी आया तो निबट लेंगे उससे.

साल 2019 आया और मोदी का 5 मई महीने में 5 साल का कार्यकाल पूरा हुआ. क्या काला धन वापस लाने का वादा पूरा हुआ? क्या हर गरीब के कहते में 15 – 15 लाख रूपया आया?

मोदी जी ने अपना यह वादा पूरा नहीं किया. और जनता से अपनी योजनानुसार निबट भी लिया. मतलब, उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव के समय अपने पुराने वादे का उल्लेख भी नहीं किया. जनता ने भी मोदी जी से इस बारे में कोई सवाल नहीं किया.

2019 के चुनाव में मोदी जी नए मुद्दे के साथ चुनाव में उतरे. जनता ने फिर उन पर विश्वास कर लिया. और वह दूसरी बार सत्ता में आ गए.
यह अपडेट लिखे जाने तक मोदी ने 9 साल तक बतौर PM देश पर शासन किया.

जनता शायद अब झूठे वादों में ही विश्वास करने लगी है. अन्यथा हर नागरिक के दिमांग में मोदी जी के वादों से सम्बंधित प्रश्न उठने चाहिए थे.

प्रश्न जो जनता के मन में उठना चाहिए था 2019 में वोट देने से पहले

2019 में जनता को मोदी जी से पूछना चाहिए था कि क्या वह अपने ही स्टाइल में एक बार फिर जनता के साथ संवाद करेंगे?

मतदाता को यह पूछना चाहिए था कि नवम्बर, 2013 में जो वादे किये थे मोदी जी ने उनका क्या हुआ? मोदी जी के लिए जनता को खुद उनका भाषण उन्ही की स्टाइल में लिखकर देना चाहिए था.

देश की जनता के लिए मोदी जी का 2019 में भाषण 2013 के वादों पर कुछ इस प्रकार का होना चाहिए था.

भाइयों एवं बहनों,

  1. मैंने इन वादों को पूरा किया या नहीं किया?
  2. अगर नहीं पूरा किया तो मैंने आपके साथ विश्वासघात किया या नहीं किया?
  3. अगर विश्वासघात किया तो मुझे दंड मिलना चाहिए कि नहीं चाहिए?
  4. बताइते आप इस चुनाव में बीजेपी को हराएंगे या नहीं हराएंगे?

अच्छा हुआ होता अगर 2019 में जनता पूछी होती, “मोदी जी अपनी सभाओं में ऊपर लिखे प्रश्न जनता से अपनी ही स्टाइल में पूछिए क्योंकि 5 साल में आपने जो किया उसके बारे में जनता को बताना आपका फ़र्ज़ बनता है”.

छत्तीसगढ़ की जनता का मोदी को 2018 में जवाब

रमन सिंह जी ने जनता से किये मोदी जी के वादों को जैसा निभाया उसका जवाब छत्तीसगढ़ की जनता ने उन्हें नवंबर 2018 के चुनाव में दे दिया. एक बार फिर मोदी जी 2019 के लोक सभा का चुनाव जीतने के लिए कुछ नए मुद्दे लेकर जनता के सामने आये.

मोदी जी ने जो प्रश्न पत्र 2013 में सेट किया था उसको हल करने की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ की सरकार से ज्यादा 2014 में गठित मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्रीय सरकार की थी. ये वादे पूरे नहीं हुए और बीजेपी ने 2018 में छत्तीसगढ़ की सरकार गवां दिया. जिन्होंने वादे किये थे उनका टेस्ट 2019 के लोक सभा चुनाव में होना था.

2019 लोकसभा चुनाव का सेमी फाइनल बीजेपी मोदी के झूठे वादों के कारण गयी.

लेकिन सेमि फाइनल हारकर भी 2019 में बीजेपी ने फाइनल एक बार फिर जीत लिया.

इस अपडेट में मैंने मोदी जी के Kanker Bhashan 15 Lakh के कुछ अंशों की समीक्षा की है. अगले अपडेट में शेष भाषण की समीक्षा करूँगा.

इस लेख का श्रोत मोदी जी का भाषण है जिसे आप निम्न विडियो में देख और सुन सकते हैं.

पहले 2013 के मोदी जी के वादों पर करें विचार, फिर 2019 से अब तक की उनकी देश के लिए उपलब्धियों की परख करें और उसके बाद विचार करें उन्हें 2024 में सत्ता में लौटाने या सत्ता से बाहर करने के लिए

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