Yogi Adityanath In Delhi Campaigning For BJP For Assembly Elections

Yogi Adityanath के चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध लगाने की मांग

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने बीजेपी के लिए दिल्ली में चुनाव प्रचार किया. चुनाव प्रचार करते हुए उन्होंने भड़काऊ भाषण दिया. इस पर आप के संजय सिंह ने प्रतिक्रिया व्यक्त किया. उन्होंने योगी आदित्यनाथ द्वारा किये जा रहे चुनाव प्रचार पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग किया.

Aam Aadmi Party Demanda A Ban On Campaign By Yogi Adityanath In Delhi
Aam Aadmi Party Demands A Ban On Campaign By Yogi Adityanath In Delhi
A Review Of Yogi Adityanath’s Speech In Delhi

योगी आदित्यनाथ के भाषण में कई आपत्तिजनक बातें थीं. लेकिन संजय सिंह ने एक मुख्य आपत्ति के लिए आदित्यनाथ पर कार्रवाई की मांग किया. वह आपत्ति थी आदित्यनाथ द्वारा दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर पाकिस्तान से संबंध होने का आरोप.

केजरीवाल पर Yogi Adityanath के आरोपों पर आप ने जताई आपत्ति

संजय सिंह ने योगी आदित्यनाथ पर किया जुबानी हमला. उन्होंने कहा,

“योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि केजरीवाल के पाकिस्तान से संबंध हैं. योगी को गिरफ्तार किया जाना चाहिए, उन्हें जेल भेजना चाहिए और उन्हें उनके दावों के लिए सबूत देने के लिए कहा जाना चाहिए. चुनाव आयोग इस सब पर चुप है, दिल्ली में उनके प्रचार पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.”

मैं संजय सिंह की आपत्तियों से सहमत हूं. वास्तव में कोई भी व्यक्ति जो किसी भी राजनीतिक दल की विचारधारा से सम्बन्ध नहीं रखता होगा यानि जो Politically Neutral होगा वह भी शिर संजय सिंह की आपत्तियों इ सहमत होगा.

यदि श्री अरविंद केजरीवाल के पाकिस्तान के साथ संबंध हैं, तो श्री आदित्यनाथ श्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाने के लिए दिल्ली क्यों आते हैं? दिल्ली में एक चुनावी रैली में वह इस तथ्य का खुलासा क्यों करते हैं?

Yogi Adityanath से जनता के दो प्रश्न

आप जानते हैं कि दिल्ली विधानसभा का चुनाव 8 फरवरी, 2020 को होना है. राजनीतिक दलों द्वारा प्रचार-प्रसार जोरों पर है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली में भाजपा के लिए प्रचार करते हुए आरोप लगाया कि केजरीवाल के पाकिस्तान से संबंध हैं। यहाँ, मेरे दो प्रश्न हैं। पहला सवाल, “क्या आप आदित्यनाथ के आरोपों से सहमत हैं”? इसी से सम्बंधित मेरा दूसरा प्रश्न है, “क्या आप संजय सिंह की आपत्तियों को सही मानते हैं”?

मैं श्री संजय सिंह की आपत्तियों से व्यक्तिगत रूप से सहमत हूँ। मेरा कहना है कि अगर केजरीवाल के पाकिस्तान से संबंध हैं तो योगी आदित्यनाथ दिल्ली की जनता को यह सच बताने दिल्ली क्यों आए? उन्होंने अरविंद केजरीवाल के इस अपराध के लिए उत्तर प्रदेश की किसी सक्षम अदालत में मुकदमा क्यों नहीं दर्ज कराया? अगर केजरीवाल देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं तो क्या उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए देश में कोई कानून नहीं है? क्या आदित्यनाथ एक आम आदमी हैं, जिनकी शिकायत अदालत या कोर्ट में दर्ज नहीं की जायेगी अगर वह शिकायत दर्ज कराने जाते हैं तो?

Yogi Adityanath के आरोपों में कोई दम नहीं

आम आदमी पार्टी सरकार के खिलाफ योगी आदित्यनाथ के आरोपों का कोई औचित्य नहीं है. लेकिन सवाल यह उठता है कि इस तरह के आरोप लगाने के पीछे क्या कारण है? क्या श्री आदित्यनाथ पहले योगी पहले हैं और फिर मुख्यमंत्री हैं या इसके विपरीत पहले मुख्यमंत्री हैं और फिर योगी? मुझे यह आभास है, और वह खुद को इस तरह पेश करते भी हैं कि वह मुख्य रूप से एक योगी या साधु हैं और फिर एक मुख्यमंत्री या एक राजनीतिक व्यक्ति हैं.

लेकिन कार्य व्यवहार में वह मुख्य रूप से एक राजनेता के रूप में और फिर एक योगी के रूप में दिखते हैं. ऐसे हाल में जनता के मन में एक प्रश्न उठना स्वाभाविक है. वह प्रश्न है – क्या उन्होंने एक राजनेता के रूप में उन गुणों और नैतिकताओं से खुद को अलग कर लिया है जो एक संत के पास मुख्यमंत्री बनने के बाद होनी चाहिए? या वह कभी संत थे ही नहीं? मुझे लगता है कि एक संत अपने संत गुण यानि संतई को कभी छोड़ सकता ही नहीं. तो, मैं कहूंगा कि वह कभी संत थे ही नहीं. तो यह प्रश्न ही नहीं उठता कि वह वर्तमान में साधु हैं.

आदित्यनाथ के विचार पूर्णतया तर्कहीन

यदि Yogi Adityanath श्री आदित्यनाथ नैतिक सामाजिक विचार रखते हैं तो उन्हें खुद से यह प्रश्न पूछना चाहिए कि एक व्यक्ति जो भारत के एक राज्य का मुख्यमंत्री भी है, उसे पाकिस्तान से संबंध रखने की आवश्यकता क्यों है?” मैं यहां दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल का जिक्र कर रहा हूं. भारत में, एक मुख्यमंत्री को एक विशेष दर्जा, पद और अपने लिए बहुत सम्मान प्राप्त है. फिर वह अपने स्वाभिमान, हैसियत और पद के साथ विश्वासघात क्यों करेगा? मेरा मानना है कि भारत में रहने वाला आम आदमी भी ईमानदार और सच्चा भारतीय है. तो श्री केजरीवाल को पाकिस्तान के साथ संबंध रखने में क्या दिलचस्पी है? यह कहना बेमानी है कि केजरीवाल के पाकिस्तान से संबंध हैं।

भारत में, प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक छात्रों को उनके पूरे छात्र जीवन में नैतिक शिक्षा दी जाती है. उन्हें सिखाया जाता है कि झूठ बोलना और हत्या करना सबसे बड़ा पाप है. क्या एक योगी को जनसभाओं में झूठ बोलने का पाप करना चाहिए? आदित्यनाथ की भाषण सभाओं में शामिल होने वाले दर्शकों को पता है कि वह खुद झूठे हैं.

Adityanath Failed To Highlight Any Failures Of AAP Government

हे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी! आप दिल्ली के लोगों को समझाने गए थे कि उन्हें आम आदमी पार्टी को नहीं बल्कि बीजेपी को वोट देना चाहिए.

अरविंद केजरीवाल 5 साल से दिल्ली में सत्ता में हैं. आपको दिल्ली के लोगों से उनके 5 साल के शासन की खामियों और विफलताओं के बारे में बात करनी चाहिए थी. साथ ही, आपको मतदाताओं को बताना चाहिए था कि आपकी पार्टी, भाजपा, अरविंद केजरीवाल की सरकार की तुलना में बेहतर काम करेगी, अगर वह सत्ता में आती है. क्या दिल्ली राज्य के लिए अपनी पार्टी के कार्यक्रमों और नीतियों को लोगों को समझाना सही नहीं था? अगर आप जनता को समझा पाते तो जनता आपकी पार्टी को वोट देती. ऐसे में आपके दिमाग में जनता को गुमराह करने और उनसे जुड़े मुद्दों को उठाने के बजाय पाकिस्तान के बारे में बात करने का ख्याल क्यों आया?

A Review Of Yogi Adityanath’s Speech In Delhi

Yogi Adityanath ने चुनाव प्रचार का स्तर गिराया

यह बहुत स्पष्ट है कि किसी भी भारतीय का पाकिस्तान से कोई संबंध नहीं है. यदि भारत में रहने वाले किसी व्यक्ति का संबंध पाकिस्तान से है तो वह भारत में छिपे आतंकवादी हो सकते हैं. और उन आतंकवादियों की पहचान करना सरकारों का काम है. इन सरकारों में केंद्र की भाजपा सरकार और राज्यों की सरकारें शामिल हैं.

आप एक राज्य सरकार के मुखिया भी हैं. आपके राज्य उत्तर प्रदेश में जिस किसी के भी पाकिस्तान से संबंध हैं, उस पर कार्रवाई करें. यह आरोप न लगाएं कि एक मुख्यमंत्री, Arvind Kejriwal, का संबंध पाकिस्तान से है. कृपया दिल्ली के मतदाताओं से वोट मांगने के उचित साधनों और तरीकों का सहारा लें. साथ ही, कृपया वोट के लिए प्रचार के स्तर को इतना नीचे न गिराएं.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी, अगर आपने उप्र में क़ानून व्यवस्था बनाये रखने की ओर ध्यान दिया होता तो उप्र में भीषण आपराधिक घटनाएं नहीं हुयी होतीं.

I wrote this article at a time when the campaigns for Delhi Assembly for all the political parties that were participating in the elections were at their peaks.

Campaigns For Delhi Assembly Elections In Progress

यह पोस्ट मूलतः इंग्लिश में 25 मार्च, 2020 को प्रकाशित किया गया था. जिसका हिंदी अनुवाद आज 29 जुलाई, 2022 को मैं पब्लिश कर रहा हूँ. कंटेंट में नाम मात्र का संशोधन और कुछ लिंक्स बाद में जोड़े गए हैं जो इंग्लिश में प्रकाशित मूल पोस्ट में नहीं थे.



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