Daulat Aur Satta Ke Liye Rashtravad

Daulat Aur Satta Ke Liye Rashtravad

आजकल Daulat Aur Satta Ke Liye Rashtravad का सहारा लिया जा रहा है. मतलब देश की दौलत हथियाने और चुनाव जीतने के लिए राष्ट्रवाद का इस्तेमाल हथियार के रूप में किया जा रहा है. इसी पर प्रस्तुत है एक कविता जिसका टेक्स्ट ग्रीन कलर में लिखा हुआ है.

काव्य पाठ वीडियो यूट्यूब पर देख सकते हैं

एक कविता Daulat Aur Satta Ke Liye Rashtravad पर

दौलत और सत्ता के लिए राष्ट्रवाद। यह राष्ट्रवाद है या व्यक्तिवाद?

हम राष्ट्रवाद का एक सामान्य परिचय जान लेते हैं.

वास्तव में जब राष्ट्रवाद की बात की जाती है तो यह भावना हर देश वासी में जगाई जाती है. और अपने देश के राष्ट्रवाद को दूसरे देश के सन्दर्भ में परिभाषित किया जाता है.

राष्ट्रवाद की भावना का सम्बन्ध होता है राष्ट्र की साधन साधन संपन्न बनाने और राष्ट्र की अपनी उत्कृष्ट शासन व्यवस्था स्थापित करने से होता है. ताकि राष्ट्र साधन सम्पन्नता और शासन के मामले में किसी अन्य राष्ट्र पर निर्भर न रहे.

जब ऐसे विचार आम जनता के सोच विचार को उद्वेलित करते हैं तो कहा जाता है कि जनता राष्ट्रवाद की भावना से प्रेरित हो गयी है. और हर हाल में किसी अन्य राष्ट्र पर अपनी निर्भरता का त्याग करना चाहती है.

राष्ट्र की अपनी सम्प्रभुता राष्ट्रवाद की पहली आवश्यकता होती है. इन्हीं उद्देश्यों को प्राप्त किया हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के देशभक्तों ने.

लेकिन आजकल भारत में एक नए प्रकार का राष्ट्रवाद चर्चा में है. प्रस्तुत हैं कविता की कुछ पंक्तियाँ नए राष्ट्रवाद पर.

आजकल भारत में नया राष्ट्रवाद है
खुल्लमखुल्ला चल रहा व्यक्तिवाद है
एक राष्ट्रवाद था वीरों के दिल दिमाग में
तमन्ना उनकी देश आजाद करवाने में
आजादी देश को दिलायी विकास नीतियां बनायी
अधोसंरचना और संस्थाएं बनायी
वो राष्ट्रवाद देश के लिए समर्पित था

राष्ट्रवाद हथियार बना व्यक्तिगत लाभ पाने का

आजकल भारत में एक नए प्रकार का राष्ट्रवाद आ गया है. जिसमें किसी तरह की राष्ट्रीय उपलब्धि को हासिल करने की बात नहीं की जा रही है.

ऐसा कहा जा रहा है कि आज का भारत नया भारत है. इसमें नया राष्ट्रवाद जगाया जा रहा है.

राष्ट्रवाद सत्ता पाने के लिए

यह राष्ट्रवाद एक खास पार्टी को चुनाव जितवाने के लिए जगाया जा रहा है. ताकि एक ख़ास व्यक्ति के हाथ सत्ता की बागडोर आ जाए.

दफन उसे करके आया नया राष्ट्रवाद है
खुल्लमखुल्ला चल रहा व्यक्तिवाद है

राष्ट्रवाद ने सबकुछ बनाया देश के लिए
सब कुछ किया उसने जन कल्याण के लिए
नया राष्ट्रवाद व्यक्तिवाद है बन गया
वो विक्रेता बना व्यक्ति क्रेता बन गया
सत्ता दौलत एक दूसरे को समर्पित हुये
खतरनाक खेल खेल रहा नया राष्ट्रवाद है
खुल्लमखुल्ला चल रहा व्यक्तिवाद है

राष्ट्रवाद दौलत बनाने और सत्ता पर बने रहने में सहयोग के लिए

यह खास व्यक्ति सत्तासीन होकर दूसरे खास व्यक्ति को आर्थिक लाभ पहुंचाकर उसे देश का सबसे अमीर बिज़नेस मैन बनाता है.

उसे आर्थिक लाभ गैरकानूनी ढंग से पहुंचाए जाते हैं. दौलत वाले की दौलत और सत्ताधारी की पावर एक दूसरे को लाभ पहुंचाते हैं.

मकसद होता है सत्ताधारी देशों तक देश की बागडोर पकडे रहे. और बिज़नेस मैन देश की सम्पदा का मालिक बन जाए और बना रहे.

नया राष्ट्रवाद बेचा एयरपोर्ट व्यक्त्ति को
सी पोर्ट, पब्लिक सेक्टर बेचा उसी व्यक्त्ति को
सत्ता हो चिरस्थायी सेठ सदा संग हो
दौलत के चरण में झुका नया राष्ट्रवाद है
खुल्लमखुल्ला चल रहा व्यक्तिवाद है

विक्रेता एक व्यक्ति है क्रेता एक व्यक्ति है
विक्रेता राष्ट्रवाद है क्रेता राष्ट्रवाद है
दोनों ही खेल खेलने में उस्ताद हैं
देशहित को बेपरवाह नया राष्ट्रवाद है
खुल्लमखुल्ला चल रहा व्यक्तिवाद है

आजकल भारत में नया राष्ट्रवाद है
खुल्लमखुल्ला चल रहा व्यक्तिवाद है

नया राष्ट्रवाद एक ऐसा हथियार बन गया है जिसका लाइसेंस केवल दो व्यक्तियों के पास है. दो ही व्यक्ति और वे संस्थाएं जिनका सम्बद्ध इनसे है इस हथियार को रख सकते हैं.

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