आजकल चर्चा में है Farji Degree Modi Ki. प्रस्तुत है एक कविता फर्जी डिग्री धारी पर. कविता का टेक्स्ट नीचे ग्रीन कलर में है.
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चर्चा में है Modi Ki Degree
मोदी जी की डिग्री का फर्जी होना एक बार फिर तब चर्चा में आ गया जब हाल ही में श्री संजय सिंह ने मीडिया के सामने इसका खुलासा किया. श्री सिंह आम आदमी पार्टी के राज्य सभा के सदस्य है.
कुछ लोग मानते हैं कि नरेंद्र मोदी एक मजबूत प्रधान मंत्री हैं. वह एक विपक्षी सांसद क्या सम्पूर्ण विपक्षी दलों की संयुक्त शक्ति के ऊपर भारी पड़ते हैं। इसलिए वह निश्चय ही घबराये हुए नहीं हैं.
नरेंद्र मोदी ने खुद ही लोक सभा में राहुल गाँधी के भाषण से उत्तेजित होकर कहा था, “मैं अकेला सब पर भारी”. हालाँकि उन्होंने श्री गाँधी के प्रश्नों का जवाब अपने भाषण में नहीं दिया.
एक अकेला सब पर भारी
फर्जी डिग्री धारी है
एक अकेला सब पर भारी
फर्जी डिग्री धारी है
नए भारत के अमृत काल में असली डिग्री हारी है एक अकेला सब पर भारी फर्जी डिग्री धारी है
विष्णु का अवतार है Farji Degree धारी
नरेंद्र मोदी जी इतने शक्तिमान, सर्वज्ञ और सर्वमान्य व्यक्ति, राजनेता और प्रधान मंत्री हैं कि उन्हें भौतिक जगत ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक जगत में भी सर्वोच्च स्थान प्राप्त हो चुका है. उन्हें विष्णु का ग्यारहवां अवतार भी माना गया है. भक्त इस अवतार का मंदिर बनाकर उसकी पूजा कर रहे हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता मोदी जी पर जब कोई आरोप लगाए कि Farji Degree Modi Ki है.
वैदिक काल का अंत हुआ जब
सतयुग त्रेता द्वापर आया
तदुपरांत काल एक आया
वो खौफनाक कलियुग कहलाया
पाप का घड़ा भरा कलियुग में
सतवादी एक अवतरित हुआ
अवतार ग्यारहवां विष्णु का
अज्ञान मिटाने को आया
हिस्ट्री साइंस टेक्नो ज्ञानी
सर्वज्ञ वो चामत्कारी है
एक अकेला सब पर भारी फर्जी डिग्री धारी है
कलयुग का अंत कर आया अमृत काल
वैदिक काल के बाद युगों का काल आया. सतयुग, त्रेता, द्वापर के बाद कलयुग आया. अब तक कहा जा रहा था कि कलयुग में जब पाप का घड़ा भर जाएगा तब विष्णु का ग्यारहवां अवतार होगा.
हमें मालूम था कि यह कलयुग जिसमें हमारा जन्म हुआ है शायद हजारों साल तक रहेगा. लेकिन यह झूठ साबित हुआ. और कलयुग का नाश हो गया. हम सोचते थे कि शायद रामराज्य जैसी शासन वयवस्था कलयुग में चलेगी. लेकिन बीच में अमृत काल आ गया.
कलियुग का उसने अंत किया
भारत को अमृत काल दिया
दुनिया में उसने पहली बार
देश का ऊँचा नाम किया
अर्थ व्यवस्था अमृत काल में
नया प्रतिमान बनायी है
देश का कर्जा बढ़ चढ़ बोले
अमीर हुआ अडानी है
80 करोड़ आबादी खातिर
फ्री अन्न योजना जारी है
एक अकेला सब पर भारी
फर्जी डिग्री धारी है
पहले विष्णु था अब विश्वगुरु
इसकी महिमा अपरम्पारी है
एक अकेला सब पर भारी
फर्जी डिग्री धारी है
नए भारत के अमृत काल में असली डिग्री हारी है एक अकेला सब पर भारी फर्जी डिग्री धारी है
Another Version Of The Poem On Farji Degree Modi Ki
एक अकेला सब पर भारी नकली डिग्री धारी है नए भारत के अमृत काल में असली डिग्री हारी है कैसे मात दिया नकली डिग्री ने असली डिग्री को? नकली ने युग काल को बदल दिया असली को उसने मात दिया जो हो न सका सत्तर सालों में उसको भी करके दिखा दिया रोजी रोटी शिक्षा और स्वास्थ्य सुरक्षा सम्मान की इच्छा को जनता की सोच से हटा दिया युग को जब उसने बदल दिया जीवन की सभी जरूरतों को पांच कीलो अन्न से दबा दिया अंध भक्ति का नशा दिया भारत को अमृत काल दिया नकली डिग्री की महिमा का, अंध भक्त आभारी है एक अकेला सब पर भारी नकली डिग्री धारी है कैसे आया अमृत काल? वैदिक काल का अंत हुआ जब सत युग द्वापर त्रेता आया द्वापर की यात्रा रुकी जहां धरती पर पाप तब गहराया तदुपरांत काल एक आया वो खौफनाक कलियुग कहलाया कैसे विष्णु का ग्यारहवां अवतार हुआ और यह अवतार आगे चल कर विश्वगुरु बन गया? अधर्म ने लांघी सीमाएं विष्णु तक इसकी खबर गई अवतार ग्यारहवां हुआ विष्णु का जिसने कलियुग का अंत किया भारत को अमृत काल दिया विष्णु से विश्व गुरु वो बना अंध भक्त इसकी महिमा का, बहुत बहुत आभारी है एक अकेला सब पर भारी नकली डिग्री धारी है एक अकेला सब पर भारी नकली डिग्री धारी है नए भारत के अमृत काल में असली डिग्री हारी है
आमजन खुश तो सरकार भी खुश, Modi Ki Degree Farji हो या Genuine हो
दोस्तों, अमृत काल सबको मुबारक हो. देश ऐसे ही तरक्की करता रहे. आर्थिक दशा नयी ऊँचाइयाँ छुए. एक दो लोग दुनिया के सबसे धनी लोगों की लिस्ट में शामिल हो जाएँ. 80 करोड़ से ज्यादे लोगों को भविष्य में सदा मुफत अन्न देने में सरकार सक्षम रहे. इसके साथ ही सरकार देश की अर्थ व्यस्था में कुछ ऐसा बदलाव करे जिससे जिनको मुफत अन्न नहीं मिलता है उन्हें भी मिलने लगे.
भोजन मिलेगा तो जनता जिन्दा रह सकेगी. कपडा, मकान, स्वास्थ्य, सुरक्षा और सम्मान की आम जनता को क्या जरूरत है? और जब इनकी जरूरत नहीं है तो रोजगार की भी इन्हें कोई जरूरत नहीं है. सरकार की मंशा कुछ ऐसी ही दिखती है.
आम जन जब अमृत काल में खुश है तो सरकार भी खुश है. क्योंकि सरकार की जिम्मेदारी बस 5 किलो प्रति व्यक्ति अन्न तक सीमित रह जाती है. जो वह जनता को उपलब्ध करा ही रही है.
फर्जी या गलत काम करना करने वाले के व्यक्तिगत चरित्र को दर्शाता है. राजनितिक व्यक्तियों के चरित्र पर निम्नलिखित कविताएं पढ़ें.